जैसे चंद्रमा चांडाल के घर भी रोशनी देता है, वैसे ही सज्जन पुरुष गुण हीन प्राणियों, पर भी दया करते हैं। Chankya
सूरज की रोशनी लेकर आया, और चिडियों ने गाना गाया, फूलों ने हंस हंस कर बोला, मुबारक हो तुम्हारा जन्मदिन आया |
'इस दीवाली की रोशनी में, दिल में एक घोर अँधेरा सा है, पलके बिछाये बैठे है, इंतज़ार उस दिलरुबा का है | '